श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मन मुकुर सुधारि। सोई अमित जीवन फल पावै ॥२८॥ चारों जुग परताप तुह्मारा । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥१॥ राम दूत अतुलित बल धामा । Sādhu SādhuGood folks / monks / renunciates santaSantaSaint keKeOf tumaTumaYou rakhavāreRakhavāreKeeper / guardian समझनी है जिंदगी तो पीछे देखो, https://phils517vvt4.blogolenta.com/profile